कुछ अल्फ़ाज़ छलका बैठे – Kuch Alfaaz Chalka (My Poem)
इक लम्बी सफर ज़िन्दगी का चलते आए हमन जाने कितने गीत, सुख–दुःख के, गाते आए हमरिश्ते जैसे भी मिले कर्मानुसार, निभाते आए हमबिगड़े बिखरे ज़िन्दगियों को सवारते आए हम ज़ेहन–ओ–दिल की बाते, हमेशा दिल से बताते आए हमसुर्खियों में या एकांत में, सब कुछ जताते आए हमकभी धुन अपनी, कभीContinue Reading





